उत्तर प्रदेश

एसआरएमएस रिद्धिमा में ‘निर्गुण के कबीर’ की संगीतमय प्रस्तुति, सम्‍मोहित हुए दर्शक

एसआरएमएस रिद्धिमा में 'निर्गुण के कबीर' की संगीतमय प्रस्तुति, सम्‍मोहित हुए दर्शक

बरेली: एसआरएमएस रिद्धिमा में रविवार शाम संगीतमय संध्या में कबीर के साहित्य पर ‘निर्गुण के कबीर’ का आयोजन हुआ। इसमें रिद्धिमा के गायन गुरु, विद्यार्थियों और अतिथि गायकों ने कबीर की वाणी को अपने स्वर दिए। गायन गुरु सात्विक मिश्रा ने राग खमाज पर ‘बोलो ना गिरधारी’ और राग चारुकेशी में ‘झीनी झीनी बीनी चदरिया’ को अपने स्वर में प्रस्तुत किया। गायन के विद्यार्थियों अंशुमा, शालिनी पांडेय, अर्णव कन्नौजिया, अनुग्रह, नीलम, गीतू, सार्थक और गरिमा ने कबीर रचित ‘सामाजिक कुरीतियों के दोहों’ को श्रोताओं के सम्मुख रखा।

एसआरएमएस रिद्धिमा में 'निर्गुण के कबीर' की संगीतमय प्रस्तुति, सम्‍मोहित हुए दर्शक

गायन गुरु प्रियंका ग्वाल ने विद्यार्थियों के साथ राग यमन में ‘माया तजी न जाय’ और गुरु सात्विक मिश्रा के साथ राग मालकोस में ‘गुरु महिमा के दोहे’ प्रस्तुत किए। प्रियंका ने राग देश पर ‘भला हुआ मोरी गगरी फूटी’ को भी अपने स्वर दिए। अतिथि गायक डॉ. रीता शर्मा ने कबीर की रचना ‘हरि भजन को मन रे’ और अतिथि गायक इंदू परडल ने राग भूपाली में ‘मन लागो यार फकीरी में’ गाकर श्रोताओं की तालियां हासिल कीं। इंस्ट्रूमेंट गुरु सूर्यकांत चौधरी (वायलिन), अनुग्रह सिंह (की-बोर्ड), सुरेंद्र सिंह (परकसन), विशेष सिंह (गिटार), ऋषभ आशीष पाठक (पखावज), दीपकांत जौहरी (तबला), सीमा (सितार), पवन भारद्वाज (हारमोनियम), जनार्दन भारद्वाज (बांसुरी), अनीश मिश्रा (सारंगी) ने वाद्ययंत्रों की प्रस्तुति से कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

एसआरएमएस रिद्धिमा में 'निर्गुण के कबीर' की संगीतमय प्रस्तुति, सम्‍मोहित हुए दर्शक

कार्यक्रम का संचालन आशीष कुमार ने किया। इस अवसर पर एसआरएमएस ट्रस्ट के संस्थापक व चेयरमैन देव मूर्ति, आशा मूर्ति, आदित्य मूर्ति, ऋचा मूर्ति, उषा गुप्ता, डॉ. एमएस बुटोला, डॉ. प्रभाकर गुप्ता, डॉ. अनुज कुमार, डॉ. शैलेश सक्सेना सहित शहर के गण्यमान्य लोग मौजूद रहे।

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