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World Mental Health Day 2025: मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाकर ही पूर्ण रूप से सशक्त होंगी महिलाएं

Mental Health Day 2025: मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाकर ही पूर्ण रूप से सशक्त होंगी महिलाएं
  • गोवि में महिलाओं की मानसिक स्वास्थ्य संरक्षण पर एक विशेषज्ञ व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन

World Mental Health Day 2025: : दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (गोवि) के फार्मेसी संस्थान द्वारा महिलाओं की मानसिक स्वास्थ्य संरक्षण पर एक विशेषज्ञ व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं को मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए जागरूक करना तथा बदलाव की रणनीतियां विकसित करना था। कार्यक्रम में कुलपति प्रो. पूनम टंडन, व्याख्यान विशेषज्ञ न्यूरोसाइकियाट्रिस्ट केजीएमसी तथा सीनियर रेजिडेंट बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर डॉ. वर्तिका पांडेय, नोडल अधिकारी मिशन शक्ति 5.0 प्रोफेसर मेजर विनीता पाठक, एवं निदेशक इंस्टिट्यूट ऑफ़ फार्मेसी प्रोफेसर अमित कुमार निगम उपस्थित रहे।

Mental Health Day 2025: मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाकर ही पूर्ण रूप से सशक्त होंगी महिलाएं

मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाकर पूर्ण रूप से सशक्त होंगी महिलाएं

कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने मिशन शक्ति 5.0 को मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में एक क्रांतिकारी कदम बताते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम न केवल जागरूकता बढ़ाते हैं बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाते हैं। उन्होंने छात्राओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाकर ही महिलाएं पूर्ण रूप से सशक्त हो सकती हैं। प्रोफेसर विनीता पाठक ने कहा कि मिशन शक्ति अभियान महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता को सुनिश्चित करने का एक मजबूत माध्यम है। उन्होंने बताया कि यह पांचवां चरण नवरात्रि से प्रारंभ होकर 90 दिनों तक चलेगा, जिसमें महिलाओं की शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी गई है।

Mental Health Day 2025: मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाकर ही पूर्ण रूप से सशक्त होंगी महिलाएं

डॉ. वर्तिका ने बताया- कैसे प्रभावित होता है महिलाओं का मानसिक स्वास्थ्य

इस कार्यक्रम में डॉ. वर्तिका पांडेय ने व्याख्यान प्रस्तुत किया। महिलाओं की मानसिक स्वास्थ्य संरक्षण: बदलाव की रणनीतियो पर आधारित इस व्याख्यान में डॉ. पांडेय ने महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं जैसे तनाव, चिंता, अवसाद तथा सामाजिक दबावों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि महिलाएं अक्सर पारिवारिक, सामाजिक और व्यावसायिक जिम्मेदारियों के बोझ तले दब जाती हैं, जिससे मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है। बदलाव की रणनीतियों के रूप में उन्होंने माइंडफुलनेस, काउंसलिंग, सामुदायिक समर्थन तथा सरकारी योजनाओं का उपयोग करने पर जोर दिया। उन्होंने तनाव प्रबंधन, आत्म-देखभाल और सामाजिक समर्थन प्रणाली विकसित करने के तरीकों पर चर्चा की।

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