लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने त्योहारों को देखते हुए गुरुवार रात पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। इस दौरान उन्होंने वाराणसी और प्रयागराज पुलिस कमिश्नर को जमकर फटकार लगाई। वहीं, बरेली एसएसपी अनुराग आर्य और कानपुर के नए पुलिस कमिश्नर रघुबीर लाल की तारीफ की।
बैठक में आला अधिकारियों के सामने सीएम योगी ने वाराणसी पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल से कहा कि जब तक लखनऊ से बताया नहीं जाता, तब तक वहां कोई कार्रवाई नहीं होती है। वहीं, प्रयागराज कमिश्नर जोगिंदर कुमार से कहा, बरेली से सीखिए। उपद्रवियों पर वैसा ही एक्शन लीजिए। कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाइए। बैठक में सभी जिलों के डीएम, एसपी समेत वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
बरेली में उपद्रवियों से निपटने के तरीके की तारीफ
जुमे की नमाज के बाद फसाद को समय से काबू करने और तौकीर रजा पर हुई कार्रवाई पर बरेली पुलिस की तारीफ करते हुए सीएम योगी ने कहा कि बलवाइयों पर ऐसी ही कार्रवाई की जरूरत है। आईएमसी अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा ने 26 सितंबर को जुमे की नमाज के बाद लोगों से इस्लामिया ग्राउंड में जुटने और वहां से कलेक्ट्रेट तक पैदल मार्च निकालने का आह्वान किया था। पुलिस ने तौकीर रजा और उनसे जुड़े लोगों को पहले ही हाउस अरेस्ट कर लिया था।
जुमे की नमाज के बाद नमाजियों ने इस्लामिया ग्राउंड की तरफ रुख करने का प्रयास किया। पुलिस ने उन्हें रोका, तो 4 जगह भिड़ंत हो गई। पुलिस पर पथराव, फायरिंग हुई। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने लाठियां चलाईं, आंसू गैस के गोले छोड़े थे। इस मामले में 11 मुकदमे दर्ज हुए। तौकीर रजा सहित 84 लोग जेल जा चुके हैं। पुलिस ने कुल 10 मुकदमों में तौकीर रजा को आरोपी बनाया है।
कानपुर में अफवाह को लेकर तत्काल अलर्ट होने के लिए सराहा
कानपुर पुलिस कमिश्नर रघुवीर लाल की तारीफ करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विस्फोट की घटना के दौरान अफवाहों को समय रहते रोकना एक तारीफ करने वाला कदम था। कानपुर में 8 अक्टूबर की रात विस्फोट हुआ था। यह धमाका स्कूटी में नहीं, पटाखों में हुआ था। कुल 8 लोग घायल हुए थे। इसका CCTV फुटेज भी सामने आया। पुलिस कमिश्नर ने देर रात सर्च ऑपरेशन चलाया था। अवैध पटाखों के साथ 12 लोगों को अरेस्ट किया गया था।
पुलिस कमिश्नर रघुवीर लाल ने बताया था कि घटना में किसी आतंकी संगठन के हाथ होने के सबूत नहीं मिले हैं। यह पूरी तरह से अवैध पटाखों से जुड़ी घटना है। मामले में एसीपी कोतवाली, मूलगंज थानाध्यक्ष और चौकी प्रभारी समेत 6 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया।
प्रयागराज में कार्रवाई में देरी और हीलाहवाली पर भड़के
सूत्रों के अनुसार, प्रयागराज के घूरपुर में नाबालिग के धर्मांतरण और बंधक बनाकर गैंगरेप की घटना को लेकर सीएम योगी ने पुलिस कमिश्नर जोगेंद्र कुमार से सवाल किया। कार्रवाई में देरी और हीलाहवाली की वजह पूछी। प्रयागराज में पूरामुफ्ती में आधी रात बदमाशों की ओर से फायरिंग कर दहशत फैलाने की कोशिश की गई थी। इसके अलावा थाने के भीतर पांच दरोगाओं पर प्राइवेट फॉलोअर्स की पिटाई का आरोप लगा था।
आईजीआरएस और सीएम डेशबोर्ड रैंकिंग के मामले में भी प्रयागराज पुलिस का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। कानून-व्यवस्था में लगाम लगाने के मामले में पिछले कई महीनों में प्रयागराज पुलिस की स्थिति खराब है। ये सब भी नाराजगी की वजह रहीं।
वाराणसी में छितौना कांड में पुलिसिया लापरवाही
मुख्यमंत्री योगी चौबेपुर के चर्चित छितौना कांड में पुलिसिया लापरवाही पर खफा नजर आए। पूछा- एसआईटी गठन के बावजूद एक्शन में हीलाहवाली क्यों की गई। उन्होंने वकीलों और पुलिस विवाद पर भी नाराजगी जताई। कहा- इस पर नकेल कसना चाहिए। छितौना कांड और वकील-पुलिस विवाद सबसे ज्यादा चर्चा में रहा। छितौना गांव में तीन महीने पहले ठाकुर-राजभरों के बीच खेत में गाय घुसने को लेकर मारपीट हुई थी।
इस मारपीट को जातीय संघर्ष के रूप में राजनीतिक दलों ने पेश किया था। इसमें घायल छोटू राजभर की मौत हो गई थी। सीएम ऑफिस से फटकार के बाद आरोपी संजय सिंह की गिरफ्तारी हुई थी। योगी, सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणियों पर लगाम लगाने में फेल होने पर भी नाराज दिखे। सीएम ने कहा कि हर विवाद को संयमित तरीके से हैंडल किया जा सकता है। मामले सोशल मीडिया पर ट्रेंड करते रहे। सोशल मीडिया पर नेताओं, मंत्रियों पर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई।
बैठक में सीएम योगी की बड़ी बातें
- प्रदेश में सभी पर्व-त्योहार शांति और सौहार्दपूर्ण माहौल में सम्पन्न हो रहे हैं। रक्षाबंधन, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, दुर्गापूजा, दशहरा सहित हर पर्व और त्योहार के दौरान प्रदेश में सुखद माहौल रहा। बेहतर टीमवर्क और जनसहयोग का यह काम जारी रखा जाए।
- आने वाले दिनों में धनतेरस, अयोध्या दीपोत्सव, दीपावली, गोवर्धन पूजा, भाई-दूज, देवोत्थान एकादशी, वाराणसी देव दीपावली और छठ महापर्व जैसे त्योहार हैं। शांति, सुरक्षा और सुशासन को ध्यान में रखते हुए यह समय संवेदनशील है। पिछले अनुभवों से सीख लें।
- उपद्रवियों या अराजक तत्वों पर सख्ती की जाए। माहौल खराब करने की कोशिश करने वालों के साथ सख्ती से निपटा जाए। यह हर्ष और उल्लास का समय है, इसमें उपद्रव बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। सोशल मीडिया पर चौकसी बढ़ाएं। फेक अकाउंट बनाकर माहौल खराब करने वाली अफवाह और फेक न्यूज फैलाने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।
- लापरवाही के कारण छोटी-सी घटना बड़े विवाद का रूप ले सकती है। ऐसे में ज्यादा अलर्ट रहने की जरूरत है। तत्काल कार्यवाही और संवाद-संपर्क अप्रिय घटनाओं को संभालने में सहायक होता है। किसी भी अप्रिय घटना की सूचना पर बिना देर किए जिलाधिकारी या पुलिस अधीक्षक जैसे वरिष्ठ अधिकारी खुद मौके पर पहुंचे। संवेदनशील प्रकरणों में वरिष्ठ अधिकारी लीड करें।
- आगामी 12 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा है। इसमें 6 लाख से अधिक परीक्षार्थी भाग ले रहे हैं। स्थानीय प्रशासन और पुलिस प्रशासन परीक्षा की शुचिता और पारदर्शिता सुनिश्चित करे। युवाओं के भविष्य के साथ किसी भी प्रकार का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।