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छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति योजनाओं में देरी बर्दाश्त नहीं: मंत्री नरेन्द्र कश्यप
UP News: प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने विभागीय समीक्षा बैठक की। मंत्री ने निर्देश दिए कि योजनाओं में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी और कर्मचारी योजनाओं के जमीनी क्रियान्वयन पर पूरा ध्यान दें ताकि पात्र लाभार्थियों तक योजनाओं का लाभ समय से पहुंचे। मंत्री ने कहा कि विभागीय योजनाओं में निर्धारित लक्ष्य और आवंटित धनराशि का समय से उपभोग सुनिश्चित किया जाए। साथ ही, उन्होंने ‘बचपन केयर सेंटर्स’ के नियमित निरीक्षण के निर्देश दिए, यह सुनिश्चित करने के लिए कि वहां की खाने-पीने और देखभाल की व्यवस्था सुव्यवस्थित हो।
सभी मंडलों में दिव्यांगजन द्वारा निर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी
मंत्री ने यह भी कहा की आगामी दीपावली पर्व के अवसर पर प्रदेश के सभी मंडलों में दिव्यांगजन द्वारा निर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे न केवल दिव्यांगजन की आत्मनिर्भरता को बल मिलेगा, बल्कि उनके उत्पादों को भी बाजार में पहचान मिलेगी। बैठक में मंत्री ने पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की विभिन्न योजनाओं की जनपदवार प्रगति रिपोर्ट की समीक्षा की। उन्होंने छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति योजनाओं की स्थिति पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए, यह सुनिश्चित करने के लिए कि आवेदन और भुगतान प्रक्रिया में किसी भी स्तर पर देरी न हो। उन्होंने विभाग में रिक्त पदों की शीघ्र भर्ती करने का भी निर्देश दिया ताकि योजनाओं के क्रियान्वयन में बाधा न आए।
“मोबाइल कोर्ट” के माध्यम से शिकायतों का निस्तारण शीघ्रता हो
दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की समीक्षा करते हुए मंत्री कश्यप ने कहा कि विभाग की योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए ताकि अधिक से अधिक दिव्यांगजन इन योजनाओं से लाभान्वित हो सकें। उन्होंने निर्देश दिया कि दिव्यांगजनों की समस्याओं के त्वरित समाधान हेतु “मोबाइल कोर्ट” नियमित की जाए, जिससे शिकायतों का निस्तारण शीघ्रता से हो सके। मंत्री ने कहा कि विभागीय अधिकारी और कर्मचारी अपने दायित्वों के प्रति उत्तरदायी और संवेदनशील रहें। उन्होंने कहा कि योगी सरकार का उद्देश्य है कि कोई भी पात्र व्यक्ति योजनाओं से वंचित न रहे और योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे।