Akhilesh Yadav: उत्तर प्रदेश की सियासत में दलित वोट बैंक हमेशा से ‘किंगमेकर’ रहा है. यही वजह है कि हर चुनाव में इस वर्ग पर पकड़ बनाने की होड़ तेज हो जाती है. अब समाजवादी पार्टी (सपा) ने दलितों को साधने के लिए एक नया दांव चला है और वह है ‘वोट चोरी’ का. अखिलेश यादव के निर्देश पर पार्टी ने अपने फ्रंटल संगठन आंबेडकर वाहिनी को पूरी तरह सक्रिय कर दिया है. इसका मकसद है कि बसपा की कमजोर पकड़ का फायदा उठाकर दलितों में सियासी सेंध लगाना.
सपा कार्यकर्ता गांव-गांव चौपाल कर रहे हैं, लोगों को उनके अधिकार बता रहे हैं और यह समझा रहे हैं कि चुनाव में उनके वोट चोरी हो जाते हैं. इस बार बूथ-बूथ पहरा देना है, ताकि दलितों की आवाज दब न सके. सपा का यह अभियान सीधे तौर पर भाजपा पर वार करता दिख रहा है. पार्टी के नेताओं का आरोप है कि सत्तारूढ़ दल चुनावी तंत्र का दुरुपयोग कर दलितों की राजनीतिक ताकत को कमजोर करता है.