लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने पर्यटन और संस्कृति विभाग से जुड़ी कार्यदायी संस्थाओं एवं संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये कि फील्ड स्तर पर जाकर निर्माण कार्यों की प्रगति का निरीक्षण करें। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जायेगा। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि जो कार्यदायी संस्थायें स्वीकृत के बावजूद भी जमीनी स्तर पर कार्य शुरू नहीं कर पा रही हैं, उनको चिन्हित करके कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने अब तक के स्वीकृत परियोजनाओं के आगणन एवं प्रशासकीय व वित्तीय स्वीकृति की स्थिति तथा अनारम्भ परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि निर्माण कार्यों में पारदर्शिता एवं समयबद्धता हर स्तर पर सुनिश्चित की जाए।
आवंटित परियोजनाओं को समय से पूरा करने के निर्देश
पर्यटन मंत्री पर्यटन भवन में पर्यटन एवं संस्कृति विभाग की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने तीर्थ विकास परिषदों के कार्यों की समीक्षा की और उन्हें आवंटित परियोजनाओं को समय से पूरा करने के निर्देश दिये। इसके साथ ही दीपोत्सव एवं देव दीपावली की तैयारियों के संबंध में पूर्व की बैठक में दिये गये निर्देशों के अनुपालन की स्थिति की जानकारी प्राप्त की। बैठक में बताया गया कि इस वर्ष भी गत् वर्ष की भांति लगभग 26 लाख से अधिक दीप जलाने एवं लेजर शो आदि का प्रदर्शन किये जाने की योजना अंतिम चरण में है। इस वर्ष भी रिकार्ड बनाया जायेगा।
जयवीर सिंह ने मंत्री परिषद द्वारा लिये गये निर्णयों के अनुपालन की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि मंत्री परिषद के निर्णयों का शत प्रतिशत अनुपालन समय से सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा वर्ष 2025-26 के लिए वाद्ययंत्रों के क्रय एवं आपूर्ति की स्थिति तथा डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मारक ऐशबाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि अवशेष कार्यों को शीघ्र से शीघ्र पूरा किया जाए।
बैठक में बताया गया कि यूपीपीसीएल की 270 परियोजनायें संचालित हैं, जिसमें 22 परियोजनाओं पर कार्य शुरू कर दिया गया है, इसी प्रकार उप्र राज्य पर्यटन विकास लि की 219 परियोजनायें क्रियान्वित हैं और 35 परियोजनाओं पर कार्य शुरू कर दिया गया है। जनपद सीतापुर के नैमिषारण्य में स्थित चक्रतीर्थ के सामने उपलब्ध भूमि पर कार्य प्रगति पर है। बैठक में यह भी बताया गया कि मंत्री द्वारा दिये गये निर्देशों के क्रम में समस्त कार्यदायी संस्थाओं द्वारा एवं क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा इम्पैनल्ड आर्किटेक्ट के साथ स्थलीय निरीक्षण कर स्थल की आवश्यकता एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा बताये गये उपयुक्त कार्यों के अनुसार आगणन उपलब्ध कराये जा रहे है।