स्पोर्ट्स डेस्क: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों साहिबजादा फरहान और हारिस रऊफ के खिलाफ इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) में औपचारिक शिकायत दर्ज की है।
दरअसल, 21 सितंबर को दुबई में खेले गए एशिया कप सुपर-4 मैच के दौरान दोनों ने भड़काऊ इशारे किए थे। रऊफ ने आसमान से विमान गिराने का इशारा, तो साहिबजादा ने फिफ्टी लगाने पर गन सेलिब्रेशन किया था।
कोहली के नाम से चिढ़ाने पर भड़के रऊफ
मैच में भारतीय फैंस विराट कोहली के नारे लगाकर रऊफ को चिढ़ा रहे थे। ऐसा इसलिए, क्योंकि कोहली ने 2022 टी-20 वर्ल्ड कप में मेलबर्न में खेले मैच में रऊफ की गेंदों पर लगातार दो सिक्स लगाए थे। इस पर रऊफ भड़क गए और उन्होंने आसमान में उड़ते विमानों को गिराने का इशारा किया।
पाकिस्तान दावा करता है कि ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तानी सेना ने पांच भारतीय फाइटर प्लेन गिराए थे। हालांकि, उसका यह दावा आधारहीन माना जाता है। रऊफ का यह इशारा सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। भारतीय फैंस ने उनकी इस हरकत की जमकर आलोचना की और उन्हें ट्रोल किया।
रऊफ ने अभिषेक-गिल से बहस भी की
हारिस रऊफ ने अपनी गेंदबाजी के दौरान भारतीय ओपनर्स शुभमन गिल और अभिषेक शर्मा को अपशब्द भी कहे। मैच के बाद अभिषेक शर्मा ने कहा कि हमने इसका जवाब बल्ले से दिया।
वहीं, साहिबजादा फरहान ने इसी मैच में फिफ्टी लगाने के बाद अपने बैट को मशीनगन की तरह इस्तेमाल करते हुए गोली चलाने का इशारा किया, जिसकी जमकर आलोचना हुई। मैच के बाद साहिबजादा ने कहा, ‘मैं आमतौर पर सेलिब्रेशन नहीं करता, लेकिन उस दिन ऐसा करने का मन हुआ। लोग इसे कैसे लेंगे, इसकी मुझे परवाह नहीं है।’
PCB ने सूर्यकुमार पर लगाया राजनीतिक बयान का आरोप
PCB ने भी भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव के खिलाफ ICC में शिकायत दर्ज की है। यह शिकायत 14 सितंबर को दोनों टीमों के बीच खेले गए पहले मैच को लेकर है। PCB का कहना है कि सूर्यकुमार इस मैच में भारतीय टीम की जीत को पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों और ऑपरेशन सिंदूर में शामिल सशस्त्र बलों को समर्पित किया था।
PCB का दावा है कि सूर्यकुमार का यह बयान राजनीतिक था। हालांकि, तकनीकी रूप से यह देखना होगा कि PCB ने यह शिकायत सात दिन की समय सीमा में की है या नहीं, जो नियमों के तहत जरूरी है।
ICC करेगा सुनवाई
अब इस मामले की सुनवाई ICC करेगा। अगर रऊफ और साहिबजादा लिखित में इन आरोपों से इनकार करते हैं तो उन्हें ICC के एलीट पैनल रेफरी रिची रिचर्डसन के सामने पेश होना पड़ सकता है। अगर वे अपने इशारों का बचाव नहीं कर पाए, तो उन्हें ICC आचार संहिता के तहत सजा का सामना करना पड़ सकता है।