नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं 17 फरवरी, 2026 से होंगी। यह पहली बार है, जब कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा एक शैक्षणिक सत्र में दो बार होगी। सीबीएसई परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने कहा कि पहली परीक्षा 17 फरवरी से 6 मार्च, 2026 तक होने की संभावना है। जबकि, दूसरी बार परीक्षा 15 मई से 1 जून तक हो सकती है। उन्होंने कहा कि कक्षा 12वीं की परीक्षा 17 फरवरी से 9 अप्रैल, 2026 तक होने की संभावना है।
संयम भारद्वाज ने कहा कि सामान्य दिशा-निर्देश के मुताबिक, उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन प्रत्येक विषय की परीक्षा के लगभग 10 दिन बाद शुरू होगा और 12 दिन के भीतर पूरा हो जाएगा। उदाहरण के लिए, यदि कक्षा 12वीं की फिजिक्स की परीक्षा 20 फरवरी, 2026 को होगी, तो मूल्यांकन 3 मार्च, 2026 को शुरू होगा और 15 मार्च, 2026 तक समाप्त होगा।
नए एग्जाम पैटर्न की तीन अहम बातें
- दूसरी परीक्षा यानी ऑप्शनल एग्जाम में छात्रों को साइंस, मैथमेटिक्स, सोशल साइंस और लैंग्वेजेस में से किन्हीं 3 सब्जेक्ट में अपनी परफॉर्मेंस सुधारने की इजाजत दी जाएगी।
- विंटर बाउंड स्कूलों (सर्दियों में बंद रहने वाले स्कूल) के छात्रों को दोनों परीक्षाओं में से किसी में भी बैठने की इजाजत होगी।
- अगर कोई छात्र पहली परीक्षा में 3 या अधिक सब्जेक्ट्स में शामिल नहीं हुआ है, तो उसे दूसरी परीक्षा में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
दो बार एग्जाम होने का नियम कब से लागू होगा?
ये नियम 2025-26 सेशन से लागू होगा। इसका मतलब है कि साल 2026 में बोर्ड एग्जाम 2 बार आयोजित होंगे।
क्या दोनों बार एग्जाम देना जरूरी होगा?
नहीं। स्टूडेंट्स के पास 3 ऑप्शन होंगे।
1- साल में एक बार परीक्षा दें।
2- दोनों परीक्षाओं में शामिल हों।
3- किसी सब्जेक्ट में अच्छा परफॉर्म न कर पाने पर, दूसरी परीक्षा में उस विषय का दोबारा एग्जाम दें।
अगर एग्जाम 2 बार दिए हैं, तो रिजल्ट कैसे तय होगा?
जो स्टूडेंट्स दोनों बार बोर्ड एग्जाम में शामिल होंगे, उनका वो रिजल्ट फाइनल माना जाएगा, जो बेहतर होगा। यानी अगर दूसरी बार एग्जाम देने पर नंबर घट जाएंगे, तो पहली परीक्षा के नंबर ही फाइनल माने जाएंगे।