पुणे: महाराष्ट्र के पुणे में हुए पोर्श कार कांड में सबूत नष्ट करने वाले नाबालिग आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल और मां शिवानी अग्रवाल को 5 जून तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस ने अदालत को बताया कि अग्रवाल दंपति ने हादसे से संबंधित सबूतों को नष्ट करने की साजिश रची थी। उन्होंने सरकारी अस्पताल के दो डॉक्टरों को रिश्वत देकर नाबालिग का ब्लड सैंपल बदल दिया था।
अग्रवाल दंपत्ति के एडवोकेट प्रशांत पाटिल ने कोर्ट में कहा कि पुलिस ने उनके मुवक्किल के घर की तलाशी ले ली है। उनके घर पर लगे सीसीटीवी फुटेज भी बरामद कर लिए हैं। उन पर आईपीसी की धारा 201 (अपराध के साक्ष्य को मिटाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है, जोकि एक जमानती अपराध है। ऐसे में पुलिस हिरासत की बजाए न्यायिक हिरासत में भेजा जाना चाहिए, जो कि उनका अधिकार है।
सभी से एक साथ पूछताछ करेगी पुलिस
इससे पहले कोर्ट ने इस मामले में ससून अस्पताल के डॉक्टर अजय तवारे, डॉक्टर श्रीहरि हलनोर और एक कर्मचारी अतुल घाटकांबले को भी पुलिस हिरासत में भेजा दिया था। नाबालिग आरोपी के दादा सुरेंद्र अग्रवाल अपने ड्राइवर गंगाराम को किडनैप करने और उस पर हादसे की जिम्मेदारी लेने का दबाव बनाने के आरोप में पहले से ही पुलिस हिरासत में हैं। पुलिस इन सभी आरोपी को एक साथ बैठाकर पूछताछ करेगी।