Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कुकरैल नदी की जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले अकबरनगर में ध्वस्तीकरण का कार्य पूरा हो चुका है। अब नदी की जमीन पर मकान बनवाने वाले रहीमनगर, अबरारनगर, पंतनगर और खुर्रमनगर के लोगों के अवैध घरों पर भी बुलडोजर चलेगा। इसके लिए सर्वे कराया जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सिंचाई विभाग नदी का फ्लड एरिया चिन्हित कर रहा है। नदी क्षेत्र में जितने भी निर्माण पाए जाएंगे, वह सभी ध्वस्त होंगे। पंतनगर का ज्यादातर हिस्सा नदी में बताया जा रहा है। सिंचाई विभाग की रिपोर्ट मिलते ही लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ध्वस्तीकरण नोटिस जारी कर देगा।
नदी के दोनों ओर 50-50 मीटर फ्लड जोन | Lucknow News
लखनऊ विकास प्राधिकरण ने नदी की जमीन पर हुए कब्जों का तोड़ने की पूरी तैयारी कर रखी है। नदी का फ्लड जोन चिन्हित करने की जिम्मेदारी सिंचाई विभाग को दी गई है। सिंचाई विभाग नक्शे पर फ्लड जोन चिन्हित कर मुहैया कराएगा। इस आधार पर एलडीए और नगर निगम कार्रवाई करेंगे। फिलहाल, सिंचाई विभाग ने नदी के दोनों तरफ 50-50 मीटर क्षेत्र फ्लड जोन बताया है। मगर, कुछ जगहों पर इसका क्षेत्र काफी ज्यादा है। जहां बंधा है, वहां दिक्कतें नहीं हैं, लेकिन जहां नहीं बना है और वहां यह चिन्हित करने में दिक्कतें आ रही हैं। ऐसे में सिंचाई विभाग को इसे नक्शे पर चिन्हित करने का निर्देश दिया गया है। नक्शा आते ही एलडीए सर्वे कर सभी भवन स्वामियों को नोटिस जारी कर देगा। फिर निर्माण ध्वस्त होना शुरू हो जाएंगे।
फिलहाल, एलडीए को सिंचाई विभाग की रिपोर्ट का इंतजार है। एलडीए अधिकारियों ने अपने स्तर से भी कुछ सर्वे किया है। अफसरों के मुताबिक, पंतनगर का ज्यादातर हिस्सा कुकरैल की जमीन पर है। अबरारनगर, रहीमनगर भी कुकरैल की जमीन पर है। ऐसे में सिंचाई विभाग की रिपोर्ट आने के बाद इनका गिरना तय है। कुकैरल नदी की जमीन और उसके बाढ़ जोन की जमीन पर मकान बनाने वालों ने इन्हें बेचना शुरू कर दिया है। प्रॉपर्टी डीलर और बिल्डर्स ने लोगों को जमीन बेची है। यहां काफी महंगी जमीन बिकती थी। बिल्डर्स ने यहां बड़े अपार्टमेंट भी बनाए हैं। अब एलडीए के गिराने की खबर के बाद मकानों और फ्लैटों की कीमतें 75 प्रतिशत तक गिर गई हैं।
एलडीए में रोज आकर पता कर रहे लोग
सर्वे करने पहुंचे एलडीए के अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा ने बताया कि लोग एक-एक करोड़ के फ्लैट, मकान 20-20 लाख में बेचकर भागने में लगे हैं। इन इलाकों में किसका मकान बचेगा, किसका गिरेगा इसका पता लगाने दर्जनों लोग रोजाना एलडीए (Lucknow News) आ रहे हैं। अफसरों से संपर्क कर पूछ रहे हैं कि कहां तक टूटना है। सोमवार को भी काफी संख्या में आए। मगर, एलाइनमेंट निर्धारित न होने से अधिकारी उन्हें जानकारी नहीं दे सके। तमाम लोग जनसंपर्क कार्यालय में पूछने आ रहे थे। अधिकारियों ने लोगों को इंतजार करने को कहा है।