NEET 2024 Case: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नीट मामले से जुड़े एक केस पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान एनटीए से कहा कि नीट अभ्यर्थी ने जाली दस्तावेज पेश किए हैं और अब एनटीए इस मामले में कानूनी कार्रवाई कर सकता है। नीट छात्र ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि एनटीए उसका रिजल्ट घोषित करने में विफल रहा और उसे मेल आया है कि उसकी ओएमआर उत्तर पुस्तिका फटी हुई पाई गई। हाई कोर्ट ने एजेंसी से यह तब कहा जब लखनऊ पीठ के निर्देश पर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने छात्रा की मूल ओएमआर आंसर शीट पेश की, जो सही पाई गई।
छात्र ने वीडियो भी किया था पोस्ट
बता दें कि छात्रा आयुषी पटेल ने अपनी याचिका में दावा किया कि एनटीए ने उसे एक मैसेज भेजा गया जिसमें कहा गया कि उसका रिजल्ट घोषित नहीं किया जाएगा क्योंकि उसकी ओएमआर शीट फटी हुई पाई गई थी। उसने सोशल मीडिया पर आरोपों को दोहराते हुए एक वीडियो भी पोस्ट किया था, जिसने NEET यूजी के आयोजन में अनियमितताओं के दावों को लेकर चल रहे विवाद के बीच हलचल मचा दी थी।
छात्र ने याचिका में की थी ये मांग
याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि उसकी ओएमआर शीट का मूल्यांकन मैन्युअली किया जाए। उसने एनटीए के खिलाफ जांच की मांग की थी और एडमिशन के लिए काउंसलिंग बंद करने की मांग की थी। जस्टिस राजेश सिंह की अवकाशकालीन पीठ ने 12 जून को एनटीए को छात्रा के मूल अभिलेख पेश करने को कहा था। आदेश के अनुपालन में एनटीए के उपनिदेशक संदीप शर्मा ने हलफनामे के साथ छात्रा के मूल डाक्यूमेंट पेश किए।
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर याचिका दायर
डाक्यूमेंट देखने के बाद कोर्ट ने पाया कि छात्र ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर याचिका दायर की है। कोर्ट ने इसे खेदजनक बताते हुए एजेंसी से कहा कि एनटीए इस मामले में कानूनी कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है। वहीं याचिकाकर्ता के एडवोकेट ने याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। एनटीए ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता छात्र के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का फैसला एजेंसी ने पहले ही ले लिया है। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने जाली डाक्यूमेंट पेश किए हैं, ऐसे में यह कोर्ट एनटीए को छात्र के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने से नहीं रोक सकता।
प्रियंका गांधी सहित अन्य नेताओं ने किया था शेयर
गौरतलब है कि पटेल के वीडियो पोस्ट कर एनटीए पर आरोप लगाया था कि उसे मेल आया है कि उसकी आंसर शीट फटी हुई है, इसलिए उसका रिजल्ट जारी नहीं किया जा सकता। इसे लेकर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी सहित अन्य नेताओं ने भी शेयर किया था, फिर इस पर एनटीए ने 12 जून को कहा था कि उनका पेपर अभी भी बरकरार है और यह अभ्यर्थी की ओर से जालसाजी का मामला है, जिसका वास्तविक नंबर दावे से कम है।