लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने लाखों छात्रों के लिए बड़ी खुशखबरी दी है। अब छात्रवृत्ति योजना का लाभ लेने के लिए परिवार की सालाना आय सीमा दो लाख से बढ़ाकर ढाई लाख रुपये कर दी जाएगी। इस पर विभागीय स्तर पर सहमति बन चुकी है और जल्द ही इसे अंतिम मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने रखा जाएगा।
अब तक सामान्य, पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति पाने के लिए परिवार की अधिकतम सालाना आय सीमा दो लाख रुपये थी, जबकि अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए पहले से ही यह सीमा 2.5 लाख रुपये है। अब सरकार सभी वर्गों के लिए आयसीमा को एक समान करने जा रही है, जिससे सामाजिक न्याय और समान अवसरों को और बल मिलेगा।
किसे मिलेगा फायदा?
हर साल उत्तर प्रदेश में लगभग 50 लाख छात्र-छात्राएं इस योजना का लाभ उठाते हैं। यह योजना न केवल छात्रवृत्ति प्रदान करती है, बल्कि फीस की प्रतिपूर्ति (Fee Reimbursement) भी करती है, जिससे गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों की उच्च शिक्षा में बाधाएं न आएं। यह योजना सरकारी, सहायता प्राप्त और मान्यता प्राप्त निजी शिक्षण संस्थानों सभी पर लागू है। यानी किसी भी मान्यता प्राप्त कॉलेज या यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले पात्र छात्र इसका लाभ उठा सकते हैं।
सरकार का क्या कहना है?
प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्य मंत्री नरेंद्र कश्यप ने बताया कि सरकार छात्रवृत्ति नीति में एकरूपता लाने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि समाज कल्याण, पिछड़ा वर्ग कल्याण और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मंत्रियों की कई बैठकें इस मुद्दे पर हो चुकी हैं, और अब प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने रखा जाएगा।
इस निर्णय से न केवल आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों को राहत मिलेगी, बल्कि उच्च शिक्षा की राह को भी और आसान बनाया जाएगा। सरकार का यह कदम शिक्षा को हर वर्ग तक पहुंचाने की दिशा में एक मजबूत प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।