पुणे: महाराष्ट्र में गुइलेन बैरे सिंड्रोम (GBS) के संदिग्ध मरीजों की संख्या 192 पर पहुंच गई है। 167 मरीजों में सिंड्रोम की पुष्टि हुई है। वहीं, इस बीमारी से अबतक सात लोगों की मौत हुई है। सोमवार को पुणे में 37 साल के युवक की मौत हुई। 48 मरीज ICU में हैं और 21 वेंटिलेटर पर हैं। एक्टिव केसों में 39 मरीज पुणे म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन, 91 पुणे से लगे गांवों से, 29 पिंपरी चिंचवाड़, 25 पुणे ग्रामीण से और 8 अन्य जिलों से हैं।
इससे पहले 7 फरवरी को GB सिंड्रोम के मरीजों की संख्या 180 थी। एक अधिकारी ने बताया था कि GB सिंड्रोम के सबसे ज्यादा मामले नांदेड़ के पास स्थित एक हाउसिंग सोसाइटी से सामने आए। यहां पानी का सैंपल लिया गया था, जिसमें कैंपिलोबैक्टर जेजुनी पॉजिटिव पाया गया। यह पानी में होने वाला एक बैक्टीरिया है।
11 निजी आरओ सहित 30 प्लांट सील
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) ने पुष्टि की है कि नांदेड़ और उसके आसपास के इलाकों में GB सिंड्रोम प्रदूषित पानी के कारण फैला है। पुणे नगर निगम ने नांदेड़ और आसपास के इलाके में 11 निजी आरओ सहित 30 प्लांट को सील कर दिया है।
इससे पहले छह फरवरी को 63 साल के व्यक्ति की मौत हो गई थी। स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया था कि बुखार और पैरों में कमजोरी की शिकायत के बाद बुजुर्ग को सिंहगढ़ रोड क्षेत्र के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जांच में पता चला कि उन्हें GB सिंड्रोम है। इस्केमिक स्ट्रोक के कारण उनकी मौत हो गई थी।