लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी में 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने नौ सितंबर तक आंदोलन स्थगित कर दिया है। शुक्रवार को सभी कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के आवास का घेराव करने वाले थे, लेकिन उसे टाल दिया गया। आंदोलन करने वाले अभ्यर्थियों का कहना है कि नेताओं से वार्ता के आश्वासन के बाद यह फैसला लिया गया है। हालांकि, नौ सितंबर को दूसरे पक्ष का भी सुप्रीम कोर्ट में डेट लगा है। ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि अब अभ्यर्थी कोर्ट के जजमेंट इंतजार कर रहे है।
अभ्यर्थियों ने शुक्रवार को कैबिनेट मंत्री संजय निषाद के आवास के बाहर प्रदर्शन किया गया था। 5 सितंबर को ओम प्रकाश राजभर, 4 सितंबर को भूपेंद्र चौधरी, 3 सितंबर को अनुप्रिया पटेल और 2 सितंबर को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के आवास का घेराव हुआ था।
अभ्यर्थियों को घसीटा जा रहा, कपड़े फाड़े जा रहे
महिला प्रदर्शनकारियों का कहना है कि क्या हम इसलिए पढ़कर आए थे कि राजधानी में हमें घसीटा जाए? हमारे कपड़े फाड़े जाएं? जिस इलाके से हम लोग आते हैं, वहां पर आज भी लड़कियों को हाईस्कूल और इंटर के बाद पढ़ाई नहीं कराई जाती है। ऐसे में अगर हम लोग पढ़कर आगे बढ़ती हैं तो तमाम लड़कियां आगे आएंगी।
16 अगस्त को हाईकोर्ट ने दिया आदेश
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने 16 अगस्त को 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा का परिणाम नए सिरे से जारी करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि बेसिक शिक्षा विभाग को 3 महीने में नई चयन सूची जारी करनी होगी। अदालत ने यह भी कहा था कि नई चयन सूची में 1981 के नियम के तहत आरक्षण अधिनियम 1994 के मुताबिक आरक्षण नीति का पालन किया जाए। अगर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी की मेरिट सामान्य श्रेणी के बराबर आए तो वह सामान्य श्रेणी में माना जाएगा। इन निर्देशों के तहत ऊपरी क्रम में आरक्षण दिया जाएगा।