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गोरखपुर के सात प्रमुख मंदिरों के पर्यटन विकास पर खर्च किए जाएंगे 02.67 करोड़

गोरखपुर के सात प्रमुख मंदिरों के पर्यटन विकास पर खर्च किए जाएंगे 02.67 करोड़

गोरखपुर: गोरखपुर स्थित विभिन्न धार्मिक स्थलों को विकसित करके धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पर्यटन विभाग ने 02.67 करोड़ रूपये की सात परियोजनाएं स्वीकृत की है। इन प्राचीन मंदिरों में मां करवल देई मंदिर, भूलेश्वर मंदिर, पोछिया ब्रह्मस्थान, झारखंडी महादेव मंदिर, खजनी महादेव मंदिर शामिल हैं। इन मंदिरों के आस-पास बुनियादी सुविधाएं सृजित होने से पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी, जिससे संस्कृति, संस्कार तथा आस्था के साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग धार्मिक, आध्यात्मिक और विरासत स्थलों को सशक्त बनाने के लिए लगातार काम कर रहा है।

पर्यटन मंत्री ने दी जानकारी

उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री की अपेक्षाओं के अनुरूप गोरखपुर जिले के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में स्थित प्रमुख धार्मिक स्थलों के सौंदर्यीकरण और पर्यटन विकास के लिए करोड़ों रुपए की परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। इन परियोजनाओं का उद्देश्य धार्मिक स्थलों को पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करना है। पर्यटन मंत्री ने बताया कि गोरखपुर जिला मुख्यालय से 43 किलोमीटर दूर बांसगांव क्षेत्र के दक्षिणांचल में राष्ट्रीय राज्य मार्ग पर स्थित मझगांवा में स्थित मां करवल देई का प्राचीन मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। इस धार्मिक स्थल के सौंदर्यीकरण और मूलभूत सुविधाओं के विकास पर 38.29 लाख रुपए खर्च होंगे।

जयवीर सिंह ने बताया कि विधानसभा सहजनवां के विकास खंड पाली स्थित प्राचीन भूलेश्वर मंदिर के क्षेत्रीय विकास के लिए कुल 38.29 लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस धनराशि से मंदिर परिसर में बुनियादी सुविधाओं के विस्तार सहित पर्यटन से जुड़ी आवश्यक संरचनाओं का विकास किया जाएगा। इसी प्रकार, जनपद के विकास खंड खोराबार के ग्राम सभा अकोहरी स्थित प्राचीन शिव मंदिर स्थल (पोछिया ब्रह्मस्थान) का पर्यटन विकास कार्य कराए जाएंगे। इस धार्मिक स्थल के संरक्षण और सौंदर्यीकरण के लिए कुल 38.42 लाख रुपए खर्च होंगे।

भोलेनाथ के भक्तों के दर्शन के लिए मुख्य केंद्र है महादेव झारखंडी

पर्यटन मंत्री ने बताया कि गोरखपुर का महादेव झारखंडी मंदिर भोलेनाथ के भक्तों के दर्शन के लिए मुख्य केंद्र है। सावन के महीने में अलग अलग राज्यों से लाखों की संख्या में शिवभक्त यहां उमड़ते हैं। इस मंदिर के पास बहुत बड़ा मेला लगता है। इस स्वयं भू शिवलिंग पर कुल्हाड़ी के कई निशान हैं। शिवलिंग खुले आसमान के नीचे है। मंदिर के पर्यटन विकास के लिए 37.75 लाख रुपए की धनराशि स्वीकृत हुई है। जयवीर सिंह ने बताया कि गोरखपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत स्थित खजनी महादेव शिव मंदिर के पर्यटन विकास के लिए 38.35 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। इस योजना के अंतर्गत मंदिर परिसर का सौंदर्यीकरण, बुनियादी सुविधाओं का विस्तार और श्रद्धालुओं के लिए आवश्यक सुविधाएं विकसित की जाएगी।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि गोरखपुर जिले के चौरीचौरा तहसील अंतर्गत विकास खंड ब्रह्मपुर के नदुआ ज्ञानपार गांव में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 38.45 लाख रुपए की लागत से विकास कार्यों की परियोजना स्वीकृत की गई है। जिले के तहसील गोला अंतर्गत चिल्लूपार विधानसभा क्षेत्र में धार्मिक एवं पर्यटन स्थल के विकास के लिए 38.15 लाख रुपए की राशि स्वीकृत हुई है। इस परियोजना के तहत स्थानीय धार्मिक आस्था के केंद्र को संरक्षित करने और पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य किए जाएंगे।

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